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काला धागा कहा बांधना माना जाता है शुभ, जानें इसके नियम और लाभ

काले धागे को सही तरीके से पहनना और उतारना शनि ग्रह की स्थिति को सुधारने में सहायक हो सकता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण नियम और लाभ बताए जा रहे हैं:

काला धागा किस अंग में बांधें:

  1. कमर पर:
    • सर्वोत्तम स्थान: कमर पर काला धागा बांधना सबसे शुभ माना जाता है। इससे सेहत बनी रहती है, हड्डियों की समस्याएं कम होती हैं, और शनि ग्रह मजबूत होता है।
    • उद्धरण: भगवान कृष्ण भी कमर पर काला धागा पहनते थे।
  2. गर्दन या बाएं हाथ पर:
    • गर्दन में: गले में काला धागा पहनना नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए अच्छा होता है, लेकिन इसे चांदी या रत्न के लॉकेट के साथ पहनना चाहिए।
    • बाएं हाथ में: महिलाओं को बाएं हाथ में काला धागा बांधना चाहिए, जो उन्हें बुरी नजर से बचाता है।

काला धागा बांधने के लाभ:

  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: काला धागा बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचाने में मदद करता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: कमर में बांधने से रीढ़ की हड्डी और हड्डियों की समस्याओं का खतरा कम होता है।
  • शनि की कृपा: कुंडली में शनि कमजोर होने पर काला धागा बांधने से जीवन में तरक्की मिलती है।

धागा उतारने के नियम:

  • खराब होने पर उतारें: काला धागा तब तक पहनें जब तक वह खुद खराब या टूट न जाए।
  • नया धागा: टूट जाने पर, धागा पीपल के वृक्ष के पास रखकर नया धागा बांध सकते हैं।

काला धागा पहनने से पहले उसे शनि देव की मूर्ति या भैरव बाबा की प्रतिमा से स्पर्श कराना चाहिए और मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए। यह विधि धागे की शक्ति को बढ़ाती है और शनि देव की कृपा प्राप्त करने में मदद करती है।

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